Sunday 21 September 2014

Fraud:फुटकर के बदले टॉफी लेकर बनते हैं 'पप्पू', पढ़िए ये खबर, मुद्रा के रूप में टॉफी का प्रचलन,मुनाफा लाखों में,प्रति किलो मिठाई पर डिब्बे का मूल्य अलग होता है,पर-तोल 25 से 45 रुपए की ठगी

Fraud:फुटकर के बदले टॉफी लेकर बनते हैं 'पप्पू', पढ़िए ये खबर,

मुद्रा के रूप में टॉफी का प्रचलन,मुनाफा लाखों में,प्रति किलो मिठाई पर डिब्बे का मूल्य अलग होता है,पर-तोल 25 से 45 रुपए की ठगी

दुकानदार रियायत नहीं करते
खरीददारी करते समय अक्सर आपके साथ भी ऐसा होता होगा जब दुकानदार को 5 रुपए या उससे कम वापस करने होते हैं तो वो आपको टॉफी दे देता है। क्या आप जानते हैं उस टॉफी को देकर दुकानदार ‌कितना मुनाफा कमाता है?

ऐसा देखा गया है जब यह समस्या सामने आती है तो कितने की भी सामान लिया हो, दुकानदार इस मामले में रियायत नहीं करते।

सिक्कों की जगह टॉफी या चाकलेट जैसी चीजें पकड़ाकर वे आपको ‘बच्चा’ बना ही देंगे। यह जानकर हैरत होगी कि चालाकी के इस कारोबार की गणना जब थोक में की जाती है तो यह रकम लाखों में पहुंचती है।

फुटकर वापसी न करने का रोग तो शहर के करीब-करीब हर सामान के विक्रेताओं को लग चुका है। चाहे वह मेडिकल स्टोर, रेस्टोरेंट हो या कि जनरल स्टोर, फुटकर वापसी की जगह ग्राहक को टॉफी मिल ही जाती है। शहर में ठगी का यह धंधा हर रोज 2 लाख से अधिक का है।

एक्लेयर्स का ही एक 120 वाल्यूम का पैकेट 110 रुपये में थोक में पड़ रहा है। थोक विक्रेताओं की मानें तो टाफी, चाकलेट के फुटकर दुकानदार कम, जबकि अन्य दुकानदार इन पैकेट्स को ज्यादा खरीद रहे हैं। इनके लिए 5, 10 रुपये की चाकलेट तक 10 फीसदी कम में उपलब्ध है।

मुद्रा के रूप में प्रचलन

मुद्रा के रूप में प्रचलन
टॉफी-चाकलेट का मुद्रा के रूप में प्रचलन लगातार बढ़ता जा रहा है। टॉफी-चाकलेट के थोक विक्रेताओं की मानें तो इन चीजों की फुटकर दुकान चलाने वालों से ज्यादा अन्य चीजों के दुकानदार इनके पैकेट्स ज्यादा खरीद रहे हैं।

इनके लिए 5 व 10 रुपए की चाकलेट 10 फीसदी कम दाम में उपलब्ध है। दून में हनुमान चौक पर कई ऐसे डिस्ट्रीब्यूटर हैं, जो इससे भी अधिक डिस्काउंट देते हैं।

प्रति किलो मिठाई पर 25 से 45 रुपए की ठगी
बाट एवं माप-तोल विभाग के कर्मचारियों की मानें तो गत्ते से बने मिठाई वाले डिब्बे का वजन तकरीबन 100 से 150 ग्राम तक होता है जबकि मिठाई का औसतन दाम 250 से 400 है।

यदि एक किलो मिठाई लेते हैं तो निश्चित रूप से आपसे 25 से 45 रुपए ठगे जा रहे हैं। शहर में ठगी का यह धंधा हर रोज दो लाख से अधिक का है। दूसरी ओर मिठाई विक्रेता सफाई देते हैं कि डिब्बे का मूल्य अलग होता है पर कोई देने के लिए राजी नहीं होता लिहाजा मिठाई में एडजस्ट कर लिया जाता है।

कमी नहीं है सिक्कों की

कमी नहीं है सिक्कों की
मुख्य डाकघर में व्यापारियों के लिए 5 और 10 रुपए के सिक्के स्टाक में रखे जाते हैं, ताकि वह मामूली फीस चुका अपनी जरूरत के अनुसार यहां से ले जा सकें। लेकिन ग्राहकों को टॉफी पकड़ाने वाले डाकखाने तक जाते ही नहीं।

मुख्य डाकघर के सीनियर पोस्ट मास्टर जीएम तनेजा बताते हैं कि 10 रुपए के सिक्कों की डिमांड ही नहीं है। पोस्ट आफिस के पास सिक्कों का खासा स्टाक है। जरूरत पड़ने पर करेंसी चेस्ट से और सिक्के मंगा लिए जाते हैं।

घटतौली के 10 मामले
बाट एवं माप-तोल विभाग केवरिष्ठ निरीक्षक प्रवीण नेगी बताते हैं कि इस तरह के मामलों में बीते शुक्रवार शहर में 10 जगह चालान किए गए, जिनमें से एक जगह मिठाई वाले की घटतौली पकड़ी गई। उस पर जुर्माना ठोंका गया है।

जुर्माने के बाद भी सुधार नहीं
बेशक विभाग की तरफ से 1000 रुपए का जुर्माना घटतौली के लिए नियत किया गया है, लेकिन दुकानदार सुधरने का नाम नहीं लेते। इसी वजह से हर सप्ताह निरीक्षक की चेकिंग में घटतौली केमामले सामने आते ही हैं।

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