Wednesday 3 September 2014

भारतीय उप महाद्वीप में अल क़ायदा की शाखा के गठन की घोषणा:अल ज़वाहिरी

भारतीय उप महाद्वीप में अल क़ायदा की शाखा के गठन की घोषणा:अल ज़वाहिरी

 गुरुवार, 4 सितंबर, 2014 को 05:31 IST
लादेन के साथ ज़वाहिरी
अल क़ायदा के नेता अयमन अल ज़वाहिरी ने भारतीय उपमहाद्वीप में अपने संगठन की शाखा के गठन की घोषणा की है. इस संगठन का नाम होगा क़ायदात अल जिहाद.
इस शाखा की कमान एक पाकिस्तानी चरमपंथी आसिम उमर को दी गई है.
अपने 55 मिनट के वीडियो संदेश में ज़वाहिरी ने कहा कि अल क़ायदा की ये शाखा क्षेत्र में मुस्लिम आबादी को बाँटने वाली बनावटी सीमाओं को नष्ट कर देगी.
भारतीय उपमहाद्वीप में अपनी शाखा की घोषणा करते हुए कहा कि आज इसका गठन नहीं हुआ है बल्कि दो साल से मुजाहिदीनों को एकजुट करने की कोशिश का ये नतीजा है.

वीडियो संदेश

ज़वाहिरी ने अपने वीडियो संदेश में कहा, "भारतीय उपमहाद्वीप में नई शाखा का गठन म्यांमार, बांग्लादेश और भारतीय राज्य असम, गुजरात और जम्मू-कश्मीर के मुसलमानों के लिए अच्छी ख़बर है, जहाँ उन्हें अन्याय और प्रताड़ना से छुटकारा दिलाया जाएगा."
संवाददाताओं का कहना है कि ये इराक़ और सीरिया में सक्रिय इस्लामिक स्टेट के बढ़ते प्रभाव और चुनौती को कम करने की अल क़ायदा की कोशिश हो सकती है.
दुनियाभर में इस्लामिक स्टेट अल क़ायदा को चुनौती दे रहा है.
आतंकवाद निरोधक विशेषज्ञों का कहना है कि अल क़ायदा नेतृत्व लोगों को लुभाने के लिए इस्लामिक स्टेट से होड़ कर रहा है. ख़ास उस स्थिति में जब मध्य पूर्व में इस्लामिक स्टेट युवाओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है.
इस्लामिक स्टेट के नेता अबू बकर अल बग़दादी ने अपने को खलीफा घोषित करते हुए दुनियाभर के मुसलमानों से समर्थन मांगा था.
वर्ष 2011 में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद ज़वाहिरी अल क़ायदा का नेतृत्व कर रहे हैं.

अल क़ायदा की घोषणा, भारत परेशान हो?

अयमन अल ज़वाहिरी
अल क़ायदा नेता अयमन अल ज़वाहिरी ने क़ायदात अल जिहाद के नाम से भारतीय उपमहाद्वीप में अपने संगठन की शाखा बनाने की घोषणा की है.
आपको याद होगा कि कुछ हफ़्ते पहले ही इस्लामिक स्टेट (आईएस) के नेता क्लिक करें अबू बक़र अल बग़दादी ने भी दक्षिण एशिया में अपने संगठन की शाखा खोलने की इच्छा जताई थी.
इन घोषणाओं को देखते हुए मुझे लगता है कि इन दोनों गुटों की पहली नज़र उन लोगों पर है, जो सेंट्रल एशिया के उज़बेकिस्तान जैसे देशों से निकलकर पाकिस्तान में आए हैं.
पाकिस्तान के वज़ीरीस्तान इलाक़े में पिछले कुछ महीनों में चरमपंथियों के ख़िलाफ़ जो अभियान चलाया गया है.
इस अभियान के बाद से उज़बेकिस्तान से आए जेहादी ग्रुप तितर-बितर हो गए हैं. इसके बाद से वहाँ बेठिकाना जेहादियों की संख्या ज़्यादा हो गई है. ये जेहादी अब या तो क्लिक करें अल क़ायदा में शामिल हों या आईएस में जाएं.

अलक़ायदा आईएस में होड़

यह बात ध्यान देने वाली है कि अरब जगत में पिछले कुछ सालों में हुए आंदोलनों (अरब स्प्रिंग) के बाद से अलक़ायदा की अहमियत कम हो गई है.
इस्लामिक स्टेट के चरमपंथी
अब जब क्लिक करें आईएस सामने आया है. उसे देखने से लगता है कि वह अलक़ायदा का ही एक नया रूप है. अलक़ायदा में तो पहले वाली बात नहीं रही. वो किसी इलाक़े पर कब्ज़ा कर वहाँ अपना नियंत्रण स्थापित नहीं करता.
वहीं आईएस किसी सेना की तरह अभियान चला रही है. वह इलाक़ों पर कब्ज़ा कर उन्हें अपने नियंत्रण में ले रहा है.

भारत और चीन दोनो को समस्या

इस्लामिक स्टेट के चरमपंथी
अब अल क़ायदा की इस नई घोषणा को देखते हुए लगता है कि वो भी भर्तियों और संसाधन बढ़ाने के लिए इस तरह की घोषणाएं कर रहे हैं.
अल क़ायदा की इस घोषणा के बाद भारत को चिंतित होना चाहिए. यह न केवल भारत बल्कि चीन के लिए भी समस्याएं खड़ी कर सकता है. क्योंकि चीन के वीगर मुसलमान जो की वहाँ की सरकार से लड़ रहे हैं, उनसे अल क़ायदा का संबंध बढ़ेगा.
भारत चीन अकेले नहीं परेशान होंगे. अल क़ायदा अगर दक्षिण एशिया पर केंद्रित को कोई गुट बनता है, तो वह न केवल भारत-चीन बल्कि बांग्लादेश और बर्मा (जहाँ रोहिंग्या मुसलमान सरकार के ख़िलाफ़ हैं) के लिए भी समस्याएं खड़ी कर सकता है.

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