Sunday 21 September 2014

उत्तराखंड में बिल्डर चला रहे सरकार, हरीश सरकार का बड़ा कारनामा, 10 मंजिल की इमारत तैयार, बिल्डर के लिए हाइट बढ़ेगी

उत्तराखंड में बिल्डर चला रहे सरकार, हरीश सरकार का बड़ा कारनामा

10 मंजिल की इमारत तैयार, बिल्डर के लिए हाइट बढ़ेगी, बेपर्दा हुआ भवनों की ऊंचाई बढ़ाने की समिति बनाये का रहस्य
एमडीडीए के वीसी से लेकर जेई तक की भूमिका संदेह के घेरे में




 
देहरादून: राजधानी देहरादून के पॉश इलाके राजपुर में मानकों को ताक पर रखकर एक बिल्डर ने 10 मंजिला इमारत खड़ी कर दी और अब उसे सरकार के उस फैसले का इंतजार है जो भवनों की ऊंचाई को लेकर होना हैं। राजधानी में वर्टिकल डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के मकसद से एमडीडीए के वीसी मीनाक्षी सुंदरम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है जो देहरादून में भवनों की ऊंचाई बढ़ाने पर विचार कर रही है। सरसरीतौर पर सरकार का ये कदम शहर पर बढ़ रहे दबाव और जमीन की सीमित उपलब्धता को देखते हुये समय की जरूरत नजर आता है। मगर जब सरकार की इस कवायद को बिल्डरों के प्रोजेक्टों से जोड़कर देखते हैं तो ये एक बहुत बडे़ गेम की ओर इशारा करता है। आश्चर्य है कि सरकार भवन की ऊंचाई बढ़ाने का फैसला लेने की अभी सोच ही रही है और बिल्डर ने 10 मंजिल भवन खड़ा कर दिया है। इस खेल में एमडीडीए के वीसी से लेकर जेई तक की भूमिका शक के घेरे में आ गई है। सरकार के कदम से यही जाहिर हो रहा है कि वह बिल्डर लॉबी को फायदा पहुंचाने के लिए भवनों की हाइट बढ़ाने का फैसला करने जा रही है। सवाल उठ रहे हैं कि कहीं बिल्डर को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार भवनों की ऊंचाई बढ़ाने की तो नहीं सोच रही है।
क्या हैं मानक
मसू्री देहरादून विकास प्राधिकरण के मानकों के हिसाब से देहरादून में भवनों की ऊंचाई 21 मीटर से अधिक नहीं हो सकती। जाहिर है कि इमारत में छह से अधिक मंजिल नहीं होंगी। तय हाइट से अधिक ऊंचे भवनों के मामले में एमडीडीए कार्रवाई नियमसम्मत कार्रवाई कर सकता है। राजधानी में कई करीब 28 हजार भवन विभिन्न कारणों से प्राधिकरण के राडार में हैं और वह किसी भी सूरत में उन्हें बख्शने के मूड में नहीं हैं। इन भवनों में बड़ी संख्या शहर के आम लोगों की है।
बिल्डर ने दिखाया ठेंगा
लेकिन राजधानी के पॉश इलाके में एक बिल्डर ने 10 मंजिला अट्टालिका खड़ी कर दी है। जाहिर है कि भवन की ऊंचाई 21 मीटर की सीमा को पार कर गई है। सवाल यह है कि सरकार और प्राधिकरण की इस बिल्डर पर ही इतनी मेहरबानी क्यों है। सवाल यह भी है कि क्या इस बिल्डर को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार भवन की ऊंचाई बढ़ाने का फैसला कर रही है। दरअसल, भवन की ऊंचाई बढ़ाने के लिए एक कमेटी काफी पहले गठित कर दी गई थी। ये कमेटी भवनों की ऊंचाई 30 मीटर करने का मन बना चुकी है।
पहले भी मेहरबानी
बिल्डर को फायदा पहुंचाने के लिए ये कोई पहला फैसला नहीं है। इससे पहले भी सरकार के एक निर्णय का उक्त बिल्डर को फायदा पहुंचाया जा चुका है। 14 दिसंबर 2012 को शासन ने बिल्डिंग बॉयलाज में एक बदलाव किया।

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