Friday 25 July 2014

LIVE: UPSC में CSAT पर सड़क से लेकर संसद तक हंगामा, ACP ने छात्र को पटका

LIVE: UPSC में CSAT पर सड़क से लेकर संसद तक हंगामा, ACP ने छात्र को पटका

नई दिल्ली, 24 जुलाई 2014 | अपडेटेड: 15:27 IST
टैग्स: यूपीएससी| सीसैट| विरोध| संसद
संसद भवन के बाहर हिरासत में छात्र
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में सीसैट के ख‍िलाफ हंगामा जारी है. मुखर्जी नगर में एक छात्र ने खुद को आग के हवाले करने की को‍श‍िश की. छात्र ने अपने शरीर पर पेट्रोल छिड़क लिया था लेकिन वहां मौजूद पुलिस ने उसे पकड़ लिया. यूपीएससी के ख‍िलाफ जारी बवाल के बीच सरकार ने छात्रों को भरोसा दिया है कि उनके साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा. कार्मिक मामलों के राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने आज राज्यसभा में कहा, 'सीसैट 2011 से लागू हुआ है. हम छात्रों की दिक्कतों को गंभीरता से ले रहे हैं. तीन रात हम छात्रों के साथ रहे. हम छात्रों को समझा रहे हैं. हमने इस मामले पर एक कमेटी का गठन किया है जो एक हफ्ते में रिपोर्ट देगी. छात्रों को एडमिट कार्ड जारी किए जाने से घबराने की जरूरत नहीं है.' आज सुबह पीएम से मिलने के बाद सिंह ने भरोसा दिया कि हिंदी के साथ उपेक्षा नहीं होने दी जाएगी. उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी इस मसले को लेकर गंभीर हैं.

CSAT का विरोध कर रहे अब तक 100 छात्रों को हिरासत में लिया गया है. इस मसले पर आज संसद के दोनों सदनों में भी हंगामा हुआ. राज्यसभा की कार्यवाही दो बार स्थग‍ित करनी पड़ी. हिंदी छात्रों की उपेक्षा का मुद्दा लोकसभा में भी उठा. आरजेडी सांसद पप्पू यादव समेत कई विपक्षी सांसदों ने सदन में नारेबाजी की. सपा का आरोप है कि हिंदी समेत सभी क्षेत्रीय भाषाओं के साथ भेदभाव हो रहा है. वहीं, बसपा ने कहा है कि सरकार छात्रों को मजबूर कर रही है. जद(यू) अध्यक्ष शरद यादव ने क्षेत्रीय भाषा के छात्रों के साथ भेदभाव हो रहा है.

इससे पहले, संसद भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे कई छात्रों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. पुलिस ने इन छात्रों की बस में पिटाई की है. एडिशनल सीपी एस बी एस त्यागी एक छात्र को बस में पीटते तो एक छात्र को संसद भवन के बाहर सड़क पर उठाकर पटकते हुए कैमरे में कैद हुए हैं. मामले ने तूल पकड़ा तो त्यागी ने सफाई दी कि पुलिस ने सीमित बल प्रयोग किया है और लाठीचार्ज या हिंसा का प्रयोग नहीं किया गया है. संसद मार्च के लिए निकले कई छात्रों को पुलिस ने मुखर्जी नगर में रोक दिया. संसद के पास सुरक्षा बढ़ा दी गई है. संसद के बाहर बैरिकेडिंग लगा दिए गए हैं. नई दिल्ली इलाके में धारा 144 लगा दी गई है. विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर बंद किए गए उद्योग भवन और 


केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन अब खोल दिए गए हैं.

यूपीएससी ने 24 अगस्त को होने वाली प्रारंभिक परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थियों को गुरुवार से एडमिट कार्ड जारी करना शुरू कर दिया. एडमिट कार्ड जारी होने के बाद नाराज छात्रों ने गुरुवार शाम दिल्‍ली के मुखर्जी नगर में जमकर हंगामा किया. गुस्‍साए छात्रों ने तोड़फोड़ की और एक बस और पुलिस वैन में आग लगाई. छात्रों पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी. जानकारी के मुताबिक, मामले में 18 छात्रों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं.

यूपीएससी द्वारा एडमिट कार्ड जारी करने के बाद उम्मीदवारों ने मुखर्जी नगर NH1 पर यूपीएससी के खि‍लाफ प्रदर्शन किया और जमकर हंगामा किया. जानकारी के मुताबिक, उम्‍मीदवारों ने तीन बसों और दो बाइक को आग के हवाले कर दिया. हंगामे के बाद से ही मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल पहुंची, लेकिन बेकाबू छात्रों ने पुलिस की पीसीआर वैन को भी आग के हवाले कर दिया.
वहीं, एडमिट कार्ड जारी होने के बावजूद, सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न में बदलाव को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. यूपीएससी ने अपनी वेबसाइट पर एक लिंक डाला है, जिससे उम्‍मीदवार प्रारंभिक परीक्षा के लिए ई-एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं. यूपीएससी की वेबसाइट पर डाली गई जानकारी के अनुसार, यह लिंक 24 अगस्त तक उपलब्ध होगा.
इस बीच, सरकार द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय समिति सिविल सेवा एप्टीट्यूट परीक्षा (सीसैट) के पैटर्न को बदलने की परीक्षार्थियों की मांग पर अध्ययन कर रही है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले छात्रों और अन्य भाषाई विद्यार्थियों को समान अवसर मिल सकें.
 आगजनी के बाद पुलिस ने छोड़ी आंसू गैस
कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा था, ‘सरकार 2-3 दिन में इस मुद्दे पर फैसला करेगी.’ इससे पहले जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी से विद्यार्थियों की मांग के मद्देनजर परीक्षा की तिथि टालने पर विचार करने को कहा था. अभ्यर्थियों को जारी किए जा रहे प्रवेशपत्रों के अनुसार सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा की तारीख में कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह 24 अगस्त को ही होगी.

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