Wednesday 23 July 2014

4रीयल न्यूज़ पर लगा ताला, सैकड़ों मीडियाकर्मी बेरोजगार, ऑफिस में धरना शुरू

4रीयल न्यूज़ पर लगा ताला, सैकड़ों मीडियाकर्मी बेरोजगार, ऑफिस में धरना शुरू


अंतत: 4रीयल न्यूज़ टीवी चैनल का भी शटर गिर गया. धूमधाम से शुरू हुआ यह न्यूज चैनल सीईओ यश मेहता के जाने के बाद अचानक बंद हो गया. हालांकि नए सीईओ और एडिटर इन चीफ के रूप में मुकेश कुमार ने कुछ समय पहले ही काम संभाला लेकिन चैनल प्रबंधन का विश्वास चैनल चलाने के प्रति डगमगा गया और उसने चैनल से तौबा करने की घोषणा कर दी. चंडीगढ़ में बैठने वाले 4रीयल न्यूज के प्रबंधन ने चैनल चलाने को लेकर अनिच्छा जाहिर की और चैनल पर ताला लगवा दिया. इस अचानक उठाए गए कदम से 4रीयल न्यूज में कार्यरत सैकड़ों मीडियाकर्मी हतप्रभत हैं. ये लोग चैनल में धरने पर बैठ गए हैं. प्रबंधन से तीन-तीन महीने की सेलरी डिमांड की जा रही है.
न्यूज चैनलों के अड्डे नोएडा फिल्सम सिटी से बड़ी सूचना आ रही है कि 4रीयल न्यूज प्रबंधन ने चैनल बंद करने की घोषणा कर दी है. इस सूचना के बाहर आते ही चैनल में हडकंप मच गया है. प्रबंधन के इस फैसले के विरोध में चैनल के सारे कर्मचारी चैनल के फिल्म सिटी ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए है. कर्मचारियों में बेहद गुस्सा है. उनका कहना है कि चैनल ने बिना उनके भविष्य का बारे में सोचे, बिना कोई सूचना दिए इतना बड़ा कदम उठा लिया है. फिलहाल चैनल के ऑफिस के बहार कर्मचारियों का धरना और विरोध प्रदर्शन जारी है.
इस तालाबंदी की सूचना सोशल मीडिया पर भी आ चुकी है. पत्रकार अभिषेक श्रीवास्तव फेसबुक पर लिखते हैं- ''ताज़ा सूचना के मुताबिक नोएडा से चलने वाला एक चैनल 4रीयल न्‍यूज़, जिसे कुछ दिनों पहले पत्रकार मुकेश कुमार दोबारा लॉन्‍च करने के लिए संपादक बन कर गए थे, आज से बंद हो गया है। प्रबंधन ने जबरन कंपनी में तालाबंदी कर के करीब 200 कर्मचारियों का भविष्‍य अधर में लटका दिया है। फिलहाल, न्‍यूज़रूम में कुछ लोग धरने पर बैठे हैं।''
उधर, चैनल को अचानक बंद किए जाने का चैनल के नए एडिटर इन चीफ मुकेश कुमार ने भी विरोध किया है. वे प्रबंधन से मीडियाकर्मियों को वाजिब हक दिलाने को लेकर बातचीत कर रहे हैं.
ज्ञात हो कि चैनल में कार्यरत लीगल रिपोर्टर धर्मेंद्र मिश्रा ने चैनल से खुद को हटाए जाने के खिलाफ पीएफ आफिस से लेकर सूचना प्रसारण मंत्रालय तक शिकायत दर्ज कराई थी. कई आरटीआई भी लगाई थीं. इसके बाद चैनल प्रबंधन लगातार सरकारी मशीनरी की जांचों के घेरे में आने लगा. अंततः प्रबंधन ने तालाबंदी कर खुद को आने वाली दिक्कतों विवादों से मुक्त करने की कोशिश की है लेकिन इतने सारे लोगों को अचानक बेरोजगार कर देने से नए किस्म का विवाद शुरू हो गया है.

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