Friday 6 June 2014

संस्कृत का बोलबाला, संसद और ट्विटर पर

संस्कृत का बोलबाला, संसद और ट्विटर पर

 गुरुवार, 5 जून, 2014 को 18:50 IST तक के समाचार
    ट्विटर पर संस्कृत
    गुरुवार को 16वीं लोक सभा के पहले सत्र के दूसरे दिन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, उनके मंत्रिमंडल के कई मंत्रियों, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कई सासंदों ने शपथ ली. लेकिन ख़बरों में रही संस्कृत....लोक सभा के अंदर भी और बाहर भी. वजह थी भारतीय जनता पार्टी के कई सांसदों का संस्कृत में शपथ लेना.
    और शायद इसलिए माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर के भारत संस्करण पर गुरुवार को संस्कृत (Sanskrit) क्लिक करें ट्रेंड कर रहा है.
    संस्कृत में सबसे पहले शपथ ली केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने. और इसके बाद तो जैसा तांता ही लग गया. एक के बाद एक, कई भाजपा सासंदों ने भी शपथ लेने के लिए संस्कृत को ही चुना.
    इनमें दो अन्य केंद्रीय मंत्री, उमा भारती और डॉक्टर हर्षवर्धन, के अलावा मीनाक्षी लेखी और महेश गिरी शामिल हैं.

    ट्विटर पर ट्रेंड

    पूर्वी दिल्ली से सांसद, महेश गिरी, ने इस बारे में कई ट्वीट भी किए. क्लिक करें @Maheish Girri पर कहा, “लोकसभा के सांसद के रूप में देवभाषा संस्कृत में शपथ ले उसके संरक्षण और संवर्धन की ओर एक छोटी पहल की.’’
    केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज
    केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज समेत भाजपा के दो मंत्रियों और कई सांसदों ने संस्कृत में शपथ ली.
    सांसदों की इस पहल का स्वागत करते हुए द इमॉर्टल्स ऑफ़ मेलुहा के लेखक अमीश त्रिपाठी क्लिक करें @amisht ने ट्वीट किया है, “संस्कृत को ट्रेंड करते देख अच्छा लग रहा है.”
    लक्ष्मी नरायणा क्लिक करें @chidsamskritam कहते हैं, “संस्कृत, द न्यू कूल इन 16 लोक सभा’’.
    देबजानी चैटर्जी क्लिक करें @devyanidilli ने ट्वीट किया है, “सांसदों के संस्कृत में शपथ लेने से एक शक्तिशाली संदेश जा रहा है. अब मेरा बेटा ख़ुश है कि उसके माता-पिता ने उसे ऐसी भाषा पढ़ने के लिए कहा जो ‘मृत’ नहीं है.

    निंदा

    लेकिन इस बात की निंदा भी हो रही है.
    खलनायक इन थ्री डी ने क्लिक करें @dushyant9kumar पर लिखा है, “संस्कृत एक सांप्रदायिक भाषा है, मैं संस्कृत में शपथ लेने की निंदा करता हूं”.
    अनुज ने क्लिक करें @ShahaAnuj पर लिखा है, “जितने लोगों ने संस्कृत में शपथ ली है, उनमें से कितने लोग असल में संस्कृत पढ़, लिख या बोल सकते हैं? ये ढोंग क्यों?
    कमलेश यादव @क्लिक करें Kamlesh96933215 कहते हैं, “इंसान अपने कर्मों से बड़ा होता है, महान होता है, न कि संस्कृत में शपथ लेने से.”
    प्रॉबल्मेटिक क्लिक करें @humsubscribe पर लिखते हैं, “मैं उम्मीद करता हूं कि संस्कृत में शपथ लेने वाले सांसद अपने बच्चों को अंग्रेज़ी माध्यम के स्कूलों में नहीं भेजते होंगे.”
    मशहूर अर्थशास्त्री अजीत रानाडे ने क्लिक करें @ajit_ranade पर ट्वीट किया है, “आगे: संस्कृत में आर्थिक सर्वेक्षण”
    ट्विटर पर संस्कृत शब्द का ट्रेंड करना कितनी दिलचस्प बात थी इसका पता इस बात से भी चलता है कि गुरुवार को बीबीसी के रेडियो कार्यक्रम ' आउटसाइड सोर्स' में भी इसकी चर्चा हुई.

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