Saturday 12 April 2014

टाटा को मिला ब्रिटेन का प्रमुख नागरिक सम्मान नाइट ग्रैंड क्रॉस

टाटा को मिला ब्रिटेन का प्रमुख नागरिक सम्मान नाइट ग्रैंड क्रॉस

Fri, 11 Apr 2014 07:40 PM (IST)
 
 
टाटा को मिला ब्रिटेन का प्रमुख नागरिक सम्मान
लंदन। रतन टाटा को मिले सम्मानों में शुक्रवार को एक नाम और जुड़ गया। टाटा समूह के मानद चेयरमैन को ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ ने नाइट ग्रैंड क्रॉस [जीबीई] से नवाजा है। यह नागरिकों को दिए जाने वाले सर्वोच्च ब्रिटिश सम्मानों में से एक है। 76 वर्षीय टाटा को साल 2014 का यह सम्मान ब्रिटेन-भारत संबंध, यूके में निवेश व सामाजिक कल्याण में योगदान के लिए दिया गया है।
दिसंबर, 2012 में टाटा समूह के चेयरमैन पद से रिटायर हो चुके रतन को ब्रिटेन की महारानी ने साल 2009 में नाइट कमांडर [केबीई] की पदवी से सम्मानित किया था। समूह यहां के सबसे बड़े नियोक्ताओं में शामिल है। ब्रिटेन में समूह के 60,000 कर्मचारी हैं।
फैलाया औद्योगिक साम्राज्य
रतन टाटा ने अंग्रेजों के देश में अपना औद्योगिक साम्राज्य फैलाया। समूह की कंपनी टाटा मोटर्स ने 2008 में ब्रिटिश लक्जरी कार ब्रांड जगुआर लैंड रोवर [जेएलआर] को 2.3 अरब डॉलर में खरीदा था। टाटा स्टील ने यहीं की कोरस स्टील का 2006 में 7.6 अरब डॉलर अधिग्रहण किया था। इसके अलावा टाटा टी ने साल 2000 में दिग्गज चाय ब्रांड टेटले का अधिग्रहण 27.1 करोड़ पौंड में किया था।
कैमरन भी करते हैं तारीफ
ब्रिटेन में कारोबार के अलावा यहां के अन्य क्षेत्रों में भी टाटा ने खासा योगदान किया है। लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में उनके नाम पर पिछले 18 साल से सर रतन टाटा फेलोशिप दी जाती है। इन्हीं सब योगदानों को देखते हुए ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन कई बार रतन की तारीफ कर चुके हैं।
दुनिया भर में हुए सम्मानित
रतन को भारत सरकार ने 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। उन्हें विश्व दर्जनों विश्वविद्यालयों व शिक्षण संस्थानों से डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिल चुकी है। सिंगापुर सरकार का ऑनरेरी सिटीजन अवार्ड और उरुग्वे सरकार का मेडल ऑफ ओरिएंटल रिपब्लिक भी उनके नाम हो चुका है।
निवेश आयोग के चेयरमैन के अलावा वह भारत व कई अन्य देशों की सरकारों को सलाह देने वाली संस्थाओं के सदस्य रहे हैं। बीते गुरुवार को ही टाटा को चीन के बाओ फोरम का बोर्ड सदस्य बनाया गया। इस संस्था के बोर्ड में पहुंचने वाले वह पहले भारतीय हैं। दुनिया की कई दिग्गज कंपनियों ने भी अपने निदेशक बोर्ड में उन्हें जगह दी है।

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