Wednesday 5 February 2014

एलन पीस:'मिस्टर बॉडी लैंग्वेज' से सीखिए नौकरी पाने के गुर "जब आप साक्षात्कार दे रहे होते हैं तो आप एक तरह से अपनी योगयताओं को बेच रहे होते हैं जिससे नियोक्ता आपको नौकरी देने पर मजबूर हो जाए."

एलन पीस:'मिस्टर बॉडी लैंग्वेज' से सीखिए नौकरी पाने के गुर

एलन ने  बात करते हुए कहा,"जब आप साक्षात्कार दे रहे होते हैं तो आप एक तरह से अपनी योगयताओं को बेच रहे होते हैं जिससे नियोक्ता आपको नौकरी देने पर मजबूर हो जाए."

 बुधवार, 5 फ़रवरी, 2014 को 23:24 IST तक के समाचार

नौकरी के लिए साक्षात्कार
"अगर आप नौकरी के लिए कोई साक्षात्कार देने जा रहें हैं तो साक्षात्कार के पहले चार मिनट आपके लिए बहुत ही अहम हैं. लगभग चार मिनट में यह तय हो जाता है कि आपका चयन होगा या नहीं."
यह कहना है रूस के राष्ट्रपति को शरीर के संकेतों की क्लिक करें भाषा यानि बॉडी लैंग्वेज सिखाने वाले एलन पीस का.
ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बन में रहने वाले एलन पीस ने शरीर के संकेतों की भाषा पर कई प्रसिद्द किताबें लिखी हैं और अपने करियर के दौरान उन्होंने बहुत से सेलेब्रिटीज और राजनेताओं को भी बॉडी लैंग्वेज के गुर सिखाए हैं.
1950 के दशक में एलन को बॉडी लैंग्वेज सीखने का शौक पैदा हुआ. उनके पिता एक लाइफ इंशुरेंस के एजेंट थे. वह नौ - दस साल की उम्र से ही एलन को अपने साथ ले जाते थे. एलन कहते हैं, "पिता के साथ मैंने जाना कि वह कैसे पूर्वानुमान लगा लेते थे कि कोई उनसे इंशुरेंस स्कीम लेगा या नहीं."
इसके बाद एलन ने दस साल की उम्र से ही सेल्समैन का काम शुरू कर दिया और वह घर घर जाकर सामान बेचा करते थे. वह बताते हैं, "वहाँ मैंने जाना कि आप कैसे अपनी बॉडी लैंग्वेज से इस तरह का माहौल बना सकते हैं जिससे कोई आपका सामान खरीदने या आपकी बात मानने को सहमत हो जाए."

साक्षात्कार

व्लादिमीर पुतिन
एलन पीस ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को एक बार बताया था कि सार्वजिक रूप से आक्रमक नहीं भरोसेमंद नज़र आना चाहिए.
एलन ने  बात करते हुए कहा,"जब आप साक्षात्कार दे रहे होते हैं तो आप एक तरह से अपनी योगयताओं को बेच रहे होते हैं जिससे नियोक्ता आपको क्लिक करें नौकरी देने पर मजबूर हो जाए."
एलन पीस कहते हैं आजकल जब ह्यूमन रिसोर्स वाले किसी व्यक्ति को क्लिक करें नौकरी पर रखते हैं तो वह निजी प्रस्तुति को सबसे ऊपर आंकते हैं, आत्मविश्वास दूसरे स्थान पर नंबर दिलाने वाला होता है और इसके बाद बारी आती है आपकी शैक्षणिक शैक्षणिक योगयता और अनुभव की.
एलन पीस का कहना है कि साक्षात्कार देने जाते समय दफ्तर में घुसने से पहले ही आपको अपनी बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान देना होता है. उन्होंने कहाँ, "कई कंपनियां पार्किंग से ही आपका आंकलन कर सकती हैं. आपको ध्यान रखना चाहिए कि दफ्तर में घुसने से पहले आप सिर या पीठ ना खुजाएं, नाख़ुन ना कुतरें, शर्मीले न दिखें."
एलन दफ्तर के भीतर पहुँचने पर रिसेप्शन पर भी अपनी बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान देने की सलाह देते हैं. एलन ने बताया," रिसेप्शन पर आपसे सोफे पर बैठने को कहा जाएगा. मेरी सलाह यह है कि आप वहाँ बैठने की बजाए खड़े रहें. अगर आप घबराए हुए हैं तो बैठने से आपकी अंतर्मुखी की तरह व्यवहार कर सकते हैं. जबकि खड़े रहने पर आपकी ऊर्जा बनी रहेगी."

बॉडी लैंग्वेज

नौकरी
एलन पीस का कहना है कि साक्षात्कार कक्ष का दरवाज़ा एक झटके में खोलें और मुस्कुराते हुए सीधे उसी गति से कमरे में प्रवेश करें जिस गति आप चले हुए आ रहे हैं.
उन्होंने बताया,"आपकी बारी आने पर आपको बुलाया जाएगा. आजकल दफ्तर में शीशे के दरवाज़े होते हैं. इसलिए साक्षात्कार कक्ष की तरफ आप लंबे डग भरते हुए आत्मविश्वास से बढ़ें. अगर आपको ऑफिस के अंदर का रास्ता नहीं पता है तो पहले भी पता कर लें."
एलन पीस का कहना है कि साक्षात्कार कक्ष का दरवाज़ा एक झटके में खोलें और मुस्कुराते हुए सीधे उसी गति से कमरे में प्रवेश करें जिस गति आप चले हुए आ रहे हैं. साक्षात्कार कक्ष में घुसने के बाद पहले चार मिनट निर्णायक होते हैं. इस दौरान आपकी बॉडी लैंग्वेज से और आत्मविश्वास स्तर के अनुसार नियोक्ता आपके बारे में लगभग निर्णय ले चुके होते हैं.
वह कहते हैं,"अपने सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और सामान बाएं हाथ में पकड़ें ताकि हाथ मिलाने के लिए दायाँ हाथ खाली रहे. हाथ मिलाते हुए उतना ही ज़ोर डालें जितना दूसरा व्यक्ति ज़ोर डाल रहा है और यह अभ्यास से ही आता है. बोलते हुए अटकें नहीं। हाथ से कोई सामान न गिराएं."
उन्होंने बताया, "कुर्सी पर बैठने पर अपनी बाहों और पैरों को एक दूरसे में न लपेटें हाँ, अंगूठे ऊपर रखते हुए उँगलियों को ज़रूर एक दूसरे में बाँध सकते हैं. इसे स्टेपल पोस्चर कहा जाता है और इससे आप आत्मविश्वास से भरे लगते हैं. आँखों में सीधे देख कर बात करें और किसी बात पर सहमत होने पर बहुत ही सहज तरीके से एक बार में तीन बार हामी सिर हिलाएं."

No comments:

Post a Comment