Wednesday 18 December 2013

देवयानी के साथ अमेरिका का बर्ताव निन्दनीय: मनमोहन सिंह

देवयानी के साथ अमेरिका का बर्ताव निन्दनीय: मनमोहन सिंह
नई दिल्ली First Published:18-12-13 03:12 PM

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागडे के साथ अमेरिकी अधिकारियों के बर्ताव को आज निन्दनीय करार दिया। सिंह ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, यह निन्दनीय है। उनसे देवयानी के साथ न्यूयार्क में हुई बदसलूकी के बारे में सवाल किया गया था।
   
प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी सरकार द्वारा संसद में यह कहने के बाद आयी है कि भारत 39 वर्षीय राजनयिक की वापसी सुनिश्चित करने के लिए कठोर कदम उठाएगा। देवयानी को सरेआम गिरफ्तार कर हथकडी पहनायी गयी थी और फिर हवालात में बंद कर दिया गया था।
   
इस मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा में विभिन्न दलों के सदस्यों के रोष जताए जाने पर सरकार का पक्ष रख रहे विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने अमेरिकी कार्रवाई की कड़ी निंदा की। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर वह राजनयिक देवयानी खोबरागडे को वापस लाने की जिम्मेदारी पूरी करने में सफल नहीं हुए तो सदन में नहीं लौटेंगे।
   
देवयानी मामले के बाद भारत में अमेरिकी राजनयिकों को मिली रियायतों में कटौती के कदमों का जिक्र करते हुए खुर्शीद ने कहा कि प्रतीत होता है कि देवयानी किस साजिश में फंस गयी हैं। उन्होंने कहा कि राजनयिक बेकसूर है और अमेरिकी कार्रवाई अवांछित थी।

भारतीय राजनयिकों के सम्मान की रक्षा होगी: सलमान खुर्शीद

अमेरिका में भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागाडे की गिरफ्तारी एवं उनके साथ हुये र्दुव्‍यवहार पर भारत सरकार ने कडी नाराजगी जताते हुये कहा है कि देश के सम्मान की रक्षा के लिये हर जरूरी कदम उठाये जायेंगे।
       
विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने आज लोकसभा में शून्य प्रहर के दौरान कहा कि सरकार ने इस मामले मे तत्काल कदम उठाये हैं, ताकि भारतीय राजनयिक के सम्मान की रक्षा हो सके तथा उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि भारत और अमरीका के कानून में टकराव हो सकता है, लेकिन मानवता और देश के सम्मान का तकाजा है कि इस संबंध में जो भी उचित कार्रवाई होगी, भारत सरकार करेगी।
       
खुर्शीद ने कहा कि भारतीय राजनयिक के साथ अमेरिका की ओर से की गई कार्रवाई से देश के सम्मान को ठेस पहुंची है और भारत सरकार देश का प्रतिनिधित्व करने वाली महिला के सम्मान में की गयी गुस्ताखी की घोर निंदा करती है।
       
उन्होंने कहा कि भारतीय अधिकारी ने कोई गलत काम नहीं किया है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें हिरासत में लिया गया तथा उनके साथ र्दुव्‍यवहार किया गया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने अमरीकी कार्रवाई के विरोध में कई कडे कदम उठाये है। जिसके तहत भारत में अमरीकी अधिकारियों को दी जानी वाली विशेष सुविधायें वापस ले ली गयी है।
 
देवयानी का अपमान, नहीं सहेगा हिन्दुस्तान: राज्यसभा 
 
 
राज्यसभा में आज विपक्षी दल के सदस्यों ने अमेरिका में भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े की गिरफ्तारी और र्दुव्‍यवहार पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और सरकार से इस विषय में सख्ती से पेश आने और अमेरिका के साथ उच्चस्तर पर बात करने की मांग की।
       
सदन की बैठक शुरु होते ही भारतीय जनता पार्टी के साथ ही लगभग सभी विपक्षी दल के सदस्यों ने देवयानी के अपमान का मामला उठाया तथा प्रश्नकाल स्थगित कर इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा कराने तथा प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग को लेकर भारी शोरगुल किया। सभापति हामिद अंसारी ने सदस्यों से कहा कि यह मामला शून्यकाल में सूचीबद्ध है, इसलिए वह इस दौरान इस मामले को उठाये। इसके बावजूद जब सदस्य शांत नहीं हुए, तो उन्होंने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के स्थगित कर दी और सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को बातचीत के अपने कक्ष में बुलाया।
       
दोबारा जब सदन की कार्यवाही शुरु हुई, तो अंसारी ने प्रश्नकाल स्थगित कर देवयानी मामले पर चर्चा कराने की अनुमति दे दी। इस चर्चा की शुरुआत करते हुए विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि एक भारतीय महिला राजनयिक को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया और उन्हें अमेरिका के मेनहटन की सड़कों पर घुमाया गया है, इतना ही नहीं गिरफ्तारी के बाद अपराधियों के साथ रखा गया। जेटली ने कहा कि भारतीय विदेश सेवा की इस अधिकारी के साथ हुई घटना पर पूरा देश चिंतत और रोष में है। 
       
जेटली ने कहा भारतीय राजनयिक के साथ जो कुछ हुआ है, वह वियना समझौते की धारा 41 के तहत भी ठीक नहीं है। इस धारा के तहत राजनयिकों को कई तरह की छूट मिली हुई है। उन्होंने कहा कि अमेरिका बड़ा औद्योगिक देश है, लेकिन उसे मनमाने ढंग से राजनयिकों की गिरफ्तारी की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले भी अमेरिका के हवाई अड्डे पर बदसलूकी की घटनाएं हुई है। उन्होंने कहा कि छोटे देश भी हमारे संप्रभुता को ठेस पहुंचाते है, तो भी हम कुछ नहीं कहते है। उन्होंने कहा कि हमारे चुने हुये प्रतिनिधि को अमेरिका वीजा नहीं देता है। जेटली ने कहा कि हमे बराबरी के साथ अमेरिका से बात करनी चाहिए और उनके साथ एकतरफा संबंध नहीं होने चाहिए। उन्होंने केन्द्र सरकार से देवयानी के साथ हुई घटना को लेकर अमेरिका से कड़े शब्दों में विरोध दर्ज कराना और की गई कार्रवाई की जानकारी देने का अनुरोध किया।
       
चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने कहा इस मामले को लेकर पूरा देश आंदोलित और गुस्से में है। यह देश के सम्मान से संबंधित मामला है और सरकार ने कडा रुख अख्तियार किया है।
       
बहुजन समाज पार्टी की मायावती ने कहा कि देवयानी अनुसूचित जाति से आती हैं, जिसको लेकर महिलाओं में काफी आक्रोश है। उन्होंने कहा कि यदि यह अधिकारी किसी और जाति की होती, तो सरकार कार्रवाई करने में देर नहीं करती। उन्होंने अमेरिका को लेकर विदेश नीति पर पुन:विचार करने तथा प्रधानमंत्री से इस मामले में दखल देने की मांग की।
       
सीताराम येचुरी ने कहा कि यहमामला अंतरराष्ट्रीय परंपराओं के खिलाफ और भारत की संप्रभुता पर चोट है, उन्होंने कहा कि अमेरिका दादा बनता है और दुनिया का दरोगा होना चाहता है। उन्होंने कहा कि देश के केन्द्रीय मंत्रियों के साथ भी अमेरिका में बुरा व्यवहार हुआ ,है जो पंचशील के समझौते के खिलाफ है। समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव ने कहा कि अमेरिका में भारतीय राजनयिक के साथ हुई घटना के बाद देश में गंभीर रोष है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में अनेक बार भारतीय नेताओं और राजनयिकों को अपमानित किये जाने की घटनाएं हुई है, जिसमें उनकी पार्टी के आजम खां और फिल्म अभिनेता शाहरुख खान के साथ भी शामिल है। यादव ने देवयानी के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने और अमेरिका द्वारा खेद व्यक्त किये जाने की मांग की।
       
जनता दल के शिवानंद तिवारी ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, पूर्व मंत्री जार्ज फर्नांडीस तथा कुछ अन्य लोगों के साथ भी अमेरिका में दुव्यर्वहार की घटनाएं हुई है। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार अमेरिका के साथ मजबूती से इस मामले को उठाया है।
       
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के डीपी त्रिपाठी ने कहा कि यह घटना पूरे राष्ट्र का अपमान है और यह अमेरिकी घमण्ड को दर्शाता है। उन्होंने विदेश नीति में एकरुपता लाने सरकार से कठोर कदम उठाने की मांग की। चर्चा में बीजू जनता दल के शशिभूषण बेहरा तथा कुछ अन्य सदस्यों ने भाग लिया। 
 
 
 

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