Tuesday 1 October 2013

MP के वोटरों को सबसे पहले मिला राइट टू रिजेक्ट

MP के वोटरों को सबसे पहले मिला राइट टू रिजेक्ट

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मध्य प्रदेश के अगले चुनाव में ऐसी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का इस्तेमाल होगा, जिनमें उम्मीदवारों को रिजेक्ट करने वाला बटन लगा होगा।

सुप्रीम कोर्ट की ओर से वोटरों को रिजेक्ट करने का अधिकार मिलने के बाद मध्यप्रदेश के अगले विधासभा चुनाव में किसी को भी न चुनने का विकल्प दिया जाएगा।

जो वोटर किसी की नहीं चुनना चाहेंगे वे मशीन में लगी नॉन ऑफ द अबव यानी नोटा बटन का इस्तेमाल कर सकेंगे।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि अगले विधानसभा चुनाव के लिए इस्तेमाल की गई मशीनों में किसी को भी न चुनने का विकल्प वाला बटन लगा होगा। वोटर अपने इस अधिकार का इस्तेमाल करेंगे।

पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि वह मतदान पत्र और ईवीएम में किसी को न चुनने के विकल्प के अधिकार का इस्तेमाल करने की व्यवस्था करे।

इस व्यवस्था से वोटर गोपनीयता के अपने अधिकार का इस्तेमाल कर किसी को वोट न देने का विकल्प आजमा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक मतदान पत्र में अलग पैनल में ऊपर में से कोई नहीं छपा होगा। यह आखिरी उम्मीदवार के नाम के नीचे छपा होगा।

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