Monday 9 September 2013

मरकर भी नई राह दिखा गई निर्भया

मरकर भी नई राह दिखा गई निर्भया
First Published:09-09-13 11:13 PM
 
निर्भया के लिए न्याय की घड़ी आ गई, मगर इंसाफ पूरे देश के साथ होगा। दिल्ली गैंगरेप मामले में मंगलवार को फैसला सुनाया जाएगा। आठ महीने 24 दिन पहले दरिंदगी की शिकार एक बेटी हमेशा के लिए सो गई पर देश जाग गया। गुस्से ने आंदोलन का रूप लिया। जिसने बदलाव की नई राह तय कर दी।

सख्त हुई सजा
दुष्कर्म रोधी कानून बनाया गया। इसमें गैंगरेप के दोषियों को न्यूनतम 20 साल सजा का प्रावधान, इसे उम्रकैद तक बढ़ाया जा सकता है। पहले न्यूनतम 10 साल सजा थी।

बना निर्भया फंड
आम बजट में महिलाओं की खातिर एक हजार करोड़ रुपये वाले निर्भया फंड बनाने की घोषणा। इसकी राशि का उपयोग कैसे और किन हालात में हो, इस पर फैसला बाकी।

फास्ट ट्रैक कोर्ट
दिल्ली सरकार ने बलात्कार संबंधी मामलों के लिए सभी जिला अदालतों में फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया। इस समय पांच फास्ट ट्रैक कोर्ट काम कर रही हैं।

जीरो एफआईआर
महिलाएं अपनी सुविधा के अनुसार कहीं भी मामला दर्ज करा सकती हैं। आसाराम पर दर्ज मामला इसी कदम का एक उदाहरण है।

सबसे पहले इलाज, बाकी कार्रवाई बाद में
दिल्ली के अस्पतालों को सरकार ने निर्देश जारी किए कि बलात्कार के मामलों में इलाज पहले हो, कार्रवाई बाद में। निजी अस्पतालों पर भी लागू।

महिलाओं की सुरक्षा के लिए हेल्पलाइन शुरू
कई राज्यों में सरकारों ने महिलाओं के लिए हेल्पलाइन शुरू की। दिल्ली में 181 नंबर पर महिलाएं अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं।

सहमति की उम्र
सहमति से संबंध बनाने की उम्र को 18 वर्ष किया गया है। इससे पहले यह 16 साल थी। पीछा करने और घूरने को भी अपराध की श्रेणी में  लाया जा चुका है।

तेजाब से हमले पर
न्यूनतम 10 साल की सजा का प्रावधान किया जा चुका है। पीड़िता को आत्मरक्षा का अधिकार देते हुए तेजाब हमले की अपराध के रूप में व्याख्या की गई है।

महिला पुलिस
दिल्ली के हर थाने में महिला पुलिस होने को अनिवार्य किया गया। सरकार ने यह भी पुख्ता किया कि महिलाओं से जुड़े अपराधों में महिला अधिकारी ही जांच करे।

महिलाएं आगे आईं
महिलाओं में साहस बढ़ा। पिछले साल के मुकाबले इस साल दिल्ली में उत्पीड़न के करीब छह गुना मामले पुलिस दर्ज कर चुकी है।

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