Thursday 12 September 2013

'चुनाव पूर्व दंगे कराने की कोशिश में भाजपा'

'चुनाव पूर्व दंगे कराने की कोशिश में भाजपा'

bjp trying for communal violence before election
समाजवादी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी पर सीधा हमला बोल दिया है। पार्टी ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के पहले दिन पेश राजनीतिक आर्थिक प्रस्ताव में कहा है कि भाजपा चुनाव से पहले सांप्रदायिक सद्भाव खत्म करने का हरसंभव प्रयास करेगी।

आगरा बैठक में सपा के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव की ओर से पेश इस प्रस्ताव में कहा गया है कि देश की दुर्दशा के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों ही जिम्मेदार हैं।

महंगाई और भ्रष्टाचार के लिए कांग्रेस तो जिम्मेदार है ही भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए ने भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है।

कुल सात पन्नों के राजनीतिक आर्थिक प्रस्ताव में कहा गया है कि लोकसभा चुनाव के करीब होने की वजह से भाजपा अपने सहयोगी संगठनों की मदद से पूरे देश में सांप्रदायिक उन्माद पैदा करने की कोशिश कर रही है।

अभी हाल में ही यूपी में विहिप के आवरण में भाजपा, आरएसएस और बजरंग दल ने 84 कोशी प्ररिक्रमा के नाम पर सांप्रदायिक सद्भाव खत्म करने की कोशिश की थी। लेकिन अखिलेश सरकार ने इनकी कोशिशों को पूरी तरह विफल कर दिया।

यूपी में ही अयोध्या, मथुरा और काशी होने की वजह से सांप्रदायिक शक्तियां इन धार्मिक स्थलों के नाम पर सांप्रदायिक उन्माद पैदा करने की कोशिश कर रही हैं। मामूली सी बात पर तनाव पैदा कर प्रदेश की सरकार को बदनाम करने के लगातार प्रयास हो रहे हैं।

सपा ने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं से इस कोशिश को विफल करने का आह्वान करते हुए लोगों के बीच जाकर सांप्रदायिक भाईचारा सुनिश्चित करने के लिए काम करने को कहा है।

कार्यकारिणी की बैठक की शुरुआत मुजफ्फरनगंर हिंसा में मारे गए लोगों के लिए शोक प्रस्ताव के साथ श्रद्धांजलि से हुई। एक सवाल के जवाब में राम गोपाल ने कहा कि प्रदेश में सांप्रदायिक सद्भाव को खराब करने की कोशिश के जवाब में पार्टी ने भाई चारा कमेटी बनाने का फैसला किया है।

सपा कार्यकर्ताओं की यह कमेटी गांव-गांव में ऐसी कोशिशों को नाकाम करने के लिए काम करेंगी। उन्होंने कहा कि समाजवादियों ने सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ पहले भी काफी संघर्ष किया है और यह कोशिश हमने और तेज कर दी है। हम उन्हें किसी भी सूरत में कामयाब नहीं होने देंगे।

चुनाव से पहले कोई गठबंधन नहीं
सपा ने दोहराया है कि वह चुनाव से पहले किसी भी दल से किसी तरह का कोई समझौता नहीं करने वाली। यूपी की सभी सीटों के अलावा पार्टी उत्तराखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और कुछ अन्य राज्यों में चुनींदा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी।

सपा महासचिव ने कहा कि चुनाव पहले गठबंधन के हमारे अनुभव अच्छे नहीं है इसीलिए हमने इससे परहेज रखने का फैसला किया है। उन्होंने भरोसा जताया कि लोकसभा चुनाव के बाद तीसरे मोर्चे की ही सरकार बनेगी और इसमें समाजवादी पार्टी की अहम भूमिका होगी।

यूपी में अखिलेश सरकार के कामकाज पर जताया संतोष

सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने अखिलेश सरकार के कामकाज पर संतोष जताया है। पार्टी ने अपने राजनीतिक आर्थिक प्रस्ताव में दो जगहों पर इसकी चर्चा की है। मुजफ्फनगर हिंसा पर काबू पाने में तत्परता के लिए भी सरकार को बधाई दी गई है।

अखिलेश सरकार की विफलता के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह केवल नजरिया का फर्क है हकीकत नहीं। जिस तरह बादल के गरजने से मोर नाचने लगते हैं जबकि गौरेया डर जाती है।

इसी तर्ज पर अखिलेश सरकार के कामकाज को लेकर गलत धारणाएं फैलाई जा रही हैं जो गलत है।

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