Monday 8 July 2013

CCTV से मिले अहम सुराग, आतंकियों ने रखे थे 13 बम

CCTV से मिले अहम सुराग, आतंकियों ने रखे थे 13 बम

गया/पटना/ब्यूरो/एजेंसी | अंतिम अपडेट 9 जुलाई 2013 1:53 AM IST पर
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बोधगया सीरियल ब्लास्ट की जांच में जुटी सुरक्षा एजेंसियों को अहम सुराग हाथ लगे हैं।

जांच एजेंसियों की नजर सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे उन छह संदिग्धों पर आकर टिक गई है, जो धमाकों से कुछ देर पहले बैग लेकर महाबोधि मंदिर की ओर गए थे।

इन छह संदिग्धों में एक युवती भी है। भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली को दहलाने के लिए आतंकियों ने महाबोधि मंदिर परिसर में और इसके आसपास कुल 13 बम रखे थे, जिनमें से दस में धमाका हुआ। एक अन्य व्यक्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की जा रही है।


सोमवार को जांच एजेंसियों ने महाबोधि मंदिर परिसर के अंदर व बाहर लगे सभी 16 सीसीटीवी में रिकॉर्ड फुटेज को बारीकी से खंगाला।

एक फुटेज में शनिवार रात करीब एक बजे तीन युवक महाबोधि मंदिर की ओर जाते दिख रहे हैं। उनके हाथ में एक थैला भी था। एक युवक अपने शरीर पर चादरनुमा कोई कपड़ा डाले हुए है।

बोधगया प्रबंधकारिणी समिति (बीटीएमसी) कार्यालय के ठीक सामने बनी पुलिस चेक पोस्ट पर तैनात पुलिसकर्मी इन युवकों को रोकते भी हैं, उनसे बात भी करते हैं। हाथ से इशारा कर युवकों को महाबोधि मंदिर की ओर कुछ बताते भी हैं।



इसके बाद तीनों युवक महाबोधि मंदिर की ओर बढ़ जाते हैं। करीब 10-15 मिनट के बाद ये तीनों युवक अलग-अलग दूरी बनाकर वापस लौट जाते हैं। इसके करीब दो घंटे बाद वाहन से दो युवक और एक युवती वहां पहुंचते हैं।

पुलिस वाले उनसे कुछ पूछते हैं और तीनों महाबोधि मंदिर की ओर बढ़ जाते हैं। करीब 10 मिनट बाद तीनों वापस लौट जाते हैं, लेकिन इन तीनों के लौटने में कुछ भिन्नता पाई गई। युवती जिस युवक के साथ मंदिर की ओर गई थी, उसके बजाय दूसरे युवक के साथ वापस आती है।

रविवार तड़के करीब 5:25 बजे से छह बजे के बीच महाबोधि मंदिर में धमाके हुए और इसके कुछ घंटे पहले अलग-अलग समय में रात के अंधेरे में पांच युवकों और एक युवती का हाथ में बैग लेकर जाने का मामला अधिकारियों को संदिग्ध लग रहा है। एनआईए और एनएसजी की टीमें इन छह लोगों की पहचान करने में जुटी हैं।

सीसीटीवी रिकॉर्ड की जांच शुरू
16 नंबर सीसीटीवी फुटेज से मिले छह संदिग्धों के हुलिया के आधार पर उनकी पहचान करने के लिए एनआईए और एनएसजी की टीमों ने बोधगया में बैंक, एटीएम व होटलों में लगे सीसीटीवी रिकॉर्ड की जांच शुरू कर दी है।

इस बीच, गृह मंत्री सुशील शिंदे ने भी पुष्टि की कि 10 धमाके हुए, जबकि 3 बमों को निष्क्रिय कर दिया गया। इससे पहले रविवार को नौ ब्लास्ट होने की बात कही गई थी।

हिरासत में लिए गए गया जिले के बाराचट्टी के विनोद कुमार से एनआईए, एनएसजी और पुलिस के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं।

बिहार के डीजीपी अभयानंद ने बताया कि धमाकों के बाद विनोद का वोटर आई कार्ड मंदिर परिसर में पड़ा मिला था। एनआईए और एनएसजी की टीम ने मौके से सैंपल भी इकट्ठे किए हैं।

घटना के समय मंदिर परिसर में तैनात रहे निजी सुरक्षा एजेंसी के कर्मियों से भी पूछताछ की जा रही है।

आईईडी जैसे थे बम
एनएसजी ने गृह मंत्रालय को भेजी अपनी शुरुआती रिपोर्ट में कहा है कि धमाकों में अमोनियम नाइट्रेट और सल्फर का इस्तेमाल किया गया। कम तीव्रता के इन बमों ने आईईडी जैसा काम किया। धमाका क्लॉक टाइमर से किया गया। हर बम चार-पांच किलो का था और इसमें छोटा सिलेंडर भी लगा था।

माना जा रहा है कि आतंकियों ने धमाकों को अंजाम देने के लिए देश में पहली बार सिलेंडर तकनीक का इस्तेमाल किया है। बिहार के डीजीपी अभयानंद ने बताया कि हर बम पर उर्दू और अंग्रेजी में लिखा था कि इसे कहां रखा जाना है।

सीआईएसएफ करेगी सुरक्षा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि महाबोधि मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था सीआईएसएफ के हवाले करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।

अनशन पर बैठे सुशील मोदी

बोधगया सीरियल ब्लास्ट और बगहा में पुलिस फायरिंग के खिलाफ वरिष्ठ भाजपा नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी अनशन पर बैठ गए हैं।

उन्होंने 24 घंटा व्यापी अनशन सोमवार से शुरू किया। मोदी पटना में गांधी मैदान पुलिस स्टेशन के निकट श्री कृष्णा मेमोरियल हॉल के बाहर अनशन पर बैठे हैं। उनके साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मंगल पांडे और अन्य नेता भी अनशन पर बैठे हैं।

केंद्र ने भेजे थे चार एलर्ट

बोधगया के महाबोधि मंदिर में आतंकी हमले की आशंका पिछले हफ्ते और पुख्ता हो गई थी जब केंद्र ने इस बाबत आखिरी अलर्ट बिहार सरकार को भेजा था।

यह पिछले महीनों में भेजी गई चौथी चेतावनी थी। इसी आधार पर 2 जुलाई को महाबोधि मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा की समीक्षा बैठक भी की।

इस बैठक के बाद परिसर में लगे सीसीटीवी को ठीक करने के अलावा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इससे पहले कि राज्य सरकार की ओर से मंदिर की सुरक्षा पुख्ता की जाती आतंकी धमाका करने में कामयाब हो गए।
 

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