Tuesday 16 July 2013

विषाक्त मध्याहन भोजन खाने से 11 बच्चों की मौत, 48 बीमार


विषाक्त मध्याहन भोजन खाने से 11 बच्चों की मौत, 48 बीमार


छपरा-पटना, 16 जुलाई

 बिहार के सारण जिला के मशरख प्रखंड अंतर्गत धर्मसाती गंडामन गांव स्थित एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में आज विषाक्त मध्याहन भोजन खाने से 11 बच्चों की मौत हो गयी और 48 अन्य बीमार पड़ गए।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि इन बच्चों को मध्याहन भोजन में चावल, दाल और सोयाबीन की सब्जी दी गई थी । इसे खाने के बाद उनके बेहोश होने पर उन्हें इलाज के लिए मशरख प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया।

बिहार में 'विषाक्त भोजन' से 20 बच्चों की मौत

बिहार छपरा  
 
बिहार के छपरा ज़िले के मशरख ब्लॉक में कथित रूप से विषाक्त भोजन खाने से मरने वाले स्कूली बच्चों की संख्या 20 हो गई है.
मंगलवार को ही गंभीर रूप से घायल 31 बच्चों को पटना के पीएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया जिनमें कुछ की हालत नाज़ुक बताई जा रही है.
मशरख ब्लॉक के जजौली पंचायत में स्थित धर्मसती विद्यालय के बच्चों को जब सरकार की मध्याह्न भोजन योजना के तहत मंगलवार दोपहर का भोजन परोसा गया तो उसे खाते ही बच्चे बीमार पड़ गए.
बिहार के मानव संसाधन मंत्री पीके शाही ने मंगलवार को घटना स्थल का दौरा किया. इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए पीके शाही ने 20 बच्चों के मारे जाने की पुष्टि की.
पीके शाही ने बताया कि शुरूआती जांच से पता चला है कि खाने में कोई ज़हरीला पदार्थ था लेकिन खाने में वो कैसे मिला इसकी जांच चल रही है.

'खाने में कीटनाशक'

"मरने वाले बच्चों की संख्या 20 हो गई है. शुरूआती जांच से पता चला है कि खाने में कोई ज़हरीला पदार्थ था लेकिन खाने में वो कैसे मिला इसकी जांच चल रही है."
पीके शाही, बिहार के मानव संसाधन मंत्री
खाना खाने के बाद कई बच्चों को उल्टियाँ होने लगीं. लेकिन उस समय वहाँ कोई सुविधा नहीं थी. इन बच्चों को किसी तरह अस्पताल पहुँचाया गया. बाद में एम्बुलेंस वहाँ पहुँची.
बीमार बच्चों को छपरा सदर अस्पताल और आसपास के अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
छपरा सदर अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि जब बच्चों को एंटीऑर्गेनो फ़ॉस्फ़ोरस का डोज़ दिया गया तो उनकी हालत में कुछ सुधार हुआ जिसके आधार पर अनुमान लगाया जा सकता है कि खाने में ऑर्गेनो फ़ॉस्फ़ोरस कीटनाशक मिल गया हो.
डॉक्टरों के अनुसार ये कीटनाशक बच्चों पर बहुत जल्दी असर करता है और शायद यही वजह है कि मारे गए सभी बच्चों की उम्र 10 साल से कम है.
बिहार में मिड-डे मील के निदेशक आर कृष्णन और राज्य के शिक्षा सचिव राहुल सिंह ने भी मंगलवार की शाम घटना स्थल का दौरा किया.
छपरा, बिहार
डॉक्टरों के अनुसार खाने में कीटनाशक हो सकते हैं जो कि मौत की वजह बनी.
फ़ॉरेंसिक जांच के आधार पर उन्होंने ने भी कहा कि खाने में कीटनाशक के मिले होने की आशंका है.

बंद

इस बीच प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को छपरा बंद का ऐलान किया है. भाजपा के नेता गिरिराज सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार को नैतिकता के आधार पर सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं.
एक और विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने बुधवार को पूरे सारण ज़िले के बंद का आह्वान किया है.
महाराजगंज के सांसद आरजेडी के प्रभुनाथ सिंह ने इलाक़े का दौरा किया और कहा कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण ये घटना हुई है.
"मुझे मशरख गाँव से दुखद ख़बर मिली है कि वहाँ बच्चों को ज़हरीला खाना परोसा गया. मुझे पता चला है कि कुछ बच्चों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि कुछ की अस्पताल में. कई बच्चे बीमार हैं"
लालू प्रसाद, छपरा सांसद
इस मौक़े पर छपरा के सांसद और राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा, "मुझे मशरख गाँव से दुखद ख़बर मिली है कि वहाँ बच्चों को ज़हरीला खाना परोसा गया. मुझे प्रभुनाथ सिंह जी से इसका पता चला जो ख़ुद मौक़े पर गए हैं. मुझे पता चला है कि कुछ बच्चों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि कुछ की अस्पताल में. कई बच्चे बीमार हैं."

जाँच

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले की जाँच के आदेश दे दिए हैं. जाँच प्रमंडलीय आयुक्त और छपरा के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) करेंगे.
मुख्यमंत्री ने मारे गए बच्चों के परिजनों को दो-दो लाख मुआवज़ा देने की घोषणा की है.

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